क्या है ग्रिड कनेक्टेड सौर ऊर्जा प्लांट
सौर ऊर्जा विशेषज्ञ तिलक मोहन शर्मा मंत्रालय के इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए बताते हैं कि ग्रिड कनेक्टेड प्लांट से आशय आपके घर की छत पर लगे सोलर पैनल को ग्रिड की लाइन से जोड़ दिया जाएगा और आपके घर पर एक मीटर लगा होगा। जिसमें यह देखा जाएगा कि कितनी बिजली ग्रिड में जा रही है। इसके बाद सरकार द्वारा निर्धारित दर पर आपके सोलर पैनल से पैदा हुई बिजली की कीमत आपको मिलने लगी है।
क्या आएगी लागत
शर्मा बताते हैं कि एक 250 वर्ग गज वाली छत पर सोलर पैनल लगाकर 10 किलोवाट बिजली पैदा की जा सकती है। ऐसे में वर्तमान दरों के मुताबिक 10 किलोवाट वाली क्षमता का प्लांट लगाने में 8 से 10 लाख रुपये तक एक बार का खर्च आएगा। इसके बाद चार-पांच साल में बैटरी बदलने के अलावा कोई खर्च नहीं होगा।
यह है लक्ष्य
मोदी सरकार का लक्ष्य है कि अगले सात साल में रिन्यूएबल पावर प्रोडक्शन का लक्ष्य 1,75,000 मेगावाट रखा है। 2022 तक के लिए तय इस लक्ष्य में सोलर पावर से 1 लाख मेगावाट, विंड पावर से 60,000 मेगावाट, बायोमास एनर्जी से 10,000 मेगावाट और स्मॉल हाइड्रो प्रोजेक्ट्स से 5,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाना है। अभी देश में सोलर पावर की उत्पादन क्षमता 2700 मेगावाट, विंड पावर की 21,000 मेगावाट, स्मॉल हाइड्रो की 3,800 मेगावाट और बायोमास की 4,100 मेगावाट है। वर्तमान में कुल बिजली उत्पादन में रिन्यूएबल एनर्जी की हिस्सेदारी 6.5 फीसदी है, जिसे अगले तीन साल में बढ़ाकर 12 फीसदी करने का लक्ष्य है।