‘सूरज’ से चमकेगी हरित प्रदेश की तस्वीर
नूतन वर्ष 2018 में हरित प्रदेश को कई बड़े तोहफे मिलेंगे। ‘सूरज’ भी प्रदेश की किस्मत चमकाएगा। राज्य सरकार काडा (कमांड एरिया डेवलेपमेंट एजेंसी) की तर्ज पर किसान समूहों को सौर ऊर्जा पर आधारित ऐसे प्रोजेक्ट लगाने की अनुमति देगी, जिनसे खालों की बजाय पाइपों के माध्यम से नहरी पानी खेतों तक पहुंचेगा। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है। फिलहाल काडा ने प्रदेश के 13 जिलों में 14 स्थानों पर सौर ऊर्जा आधारित प्रोजेक्ट स्थापित किए हैं। भविष्य में किसान समूह बनाकर काडा की तरह ही अपने प्रोजेक्ट लगा सकेंगे।
कृषि विभाग सूक्ष्म ¨सचाई परियोजना से जुड़े इस प्रोजेक्ट को हरियाणा में क्रांतिकारी बदलाव के रूप में देख रहा है। इससे बिजली व पानी की भारी बचत होगी। अभी यह तय नहीं है कि किसान समूहों को इस प्रोजेक्ट की स्थापना पर कितना अनुदान मिलेगा, लेकिन कृषि विभाग इस मामले में बेहद उदार प्रस्ताव तैयार कर रहा है। विभाग का इरादा नववर्ष में सौर ऊर्जा से ¨सचाई का अधिक से अधिक दायरा बढ़ाने का है। रेवाड़ी जिले की सीमा से सटे झज्जर जिले के गांव अमादलपुर में पिछले सप्ताह ही कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने 55 केवी क्षमता के नहरी पानी पर आधारित सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया है।
कैसे काम करेगा प्रोजेक्ट
सौर ऊर्जा आधारित इस प्रोजेक्ट में सबसे पहले नहरी पानी की सुगमता से उपलब्धता जरूरी है। नहरी आउटलेट के पास जरूरत के अनुसार एक बड़ा टैंक पानी के स्टोर के लिए बनाया जाता है। इस पानी को सौर ऊर्जा से मिलने वाली बिजली से चलने वाली विशाल सबमर्सिबल मोटरों के माध्यम से पाइपों के सहारे सीधे किसानों के खेतों तक पहुंचाया जाता है। अमादलपुर में स्थापित किए गए प्रोजेक्ट पर 208 लाख रुपये की लागत आई थी। Read more…