सौर कार्ड करेगा मालामाल, उपभोक्ता से लेकर सरकार तक फायदा
केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, स्वच्छ ऊर्जा की पैरवी कर रहीं हैं। स्वच्छ ऊर्जा मतलब ऐसे ऊर्जा स्रोत से बिजली का उत्पादन जो प्राकृतिक हो और जिससे पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। परंपरागत तरीके से बिजली बनाने में पर्यावरण को तो सबसे अधिक नुकसान होता ही है।
साथ ही अत्याधिक पानी और जमीन की आवश्यकता होती है। भूमि पर राखड़ बांध बनाने से आस-पास की जमीन को भी नुकसान पहुंचता है। इसीलिए केंद्र व राज्य सरकार सौर ऊर्जा के इस्तेमाल पर जोर दे रही हैं। स्टार्ट अप इंडिया की थीम में भी सौर ऊर्जा पर जोर दिया गया है। राज्य सरकार ने हाल ही में सोलर रुफ टाप नेट मीटरिंग योजना चालू की है पर इसमें कई झंझटें हैं।
प्रधानमंत्री सूर्य शक्ति योजना
धुले के एक इंजीनियर व विश्वस्तर पर सौर ऊर्जा क्षेत्र में ख्यातिनाम डा. अजय चांडक ने सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने व जन-जन तक इसे पहुंचाने के लिए एक नायाब नुस्खा सुझाया है। इसका नाम दिया है, प्रधानमंत्री सूर्य शक्ति योजना। यह एक आर्थिक उपाय है, सौर ऊर्जा को बगैर किसी झंझट व अड़चन के प्रचलित करने का। इसके अंतर्गत एक निश्चित राशि का बॅान्ड जारी करना है और निवेशक को उसके निवेश के आधार पर 25 वर्षों तक सौर विद्युत प्राप्त होगी।
वह भी इस लचीलेपन के साथ कि जब चाहे वह अपना निवेश निकाल ले। सुनने में भले ही अजीब लगे पर यदि इस योजना को लागू किया गया, तो आमजन के साथ साथ विद्युत उत्पादक व विद्युत वितरक कंपनियों को भी लाभ मिलेगा, वह भी बगैर निवेश के। सरकार बगैर हजारों करोड़ रुपए का निवेश िकए सौर ऊर्जा निर्माण के लक्ष्य को पा लेगी।